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कवि और धनवान आदमी🙏🙏

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कवि और धनवान आदमी🙏🙏  एक दिन एक कवि किसी धनी आदमी से मिलने गया और उसे कई सुंदर कविताएं इस उम्मीद के साथ सुनाईं कि शायद वह धनवान खुश होकर कुछ ईनाम जरूर देगा। लेकिन वह धनवान भी महाकंजूस था, बोला, “तुम्हारी कविताएं सुनकर दिल खुश हो गया। तुम कल फिर आना, मैं तुम्हें खुश कर दूंगा।”       ‘कल शायद अच्छा ईनाम मिलेगा।’ ऐसी कल्पना करता हुआ वह कवि घर पहुंचा और सो गया। अगले दिन वह फिर उस धनवान की हवेली में जा पहुंचा। धनवान बोला, “सुनो कवि महाशय, जैसे तुमने मुझे अपनी कविताएं सुनाकर खुश किया था, उसी तरह मैं भी तुमको बुलाकर खुश हूं। तुमने मुझे कल कुछ भी नहीं दिया, इसलिए मैं भी कुछ नहीं दे रहा, हिसाब बराबर हो गया।” Read Other Story   कवि बेहद निराश हो गया। उसने अपनी आप बीती एक मित्र को कह सुनाई और उस मित्र ने बीरबल को बता दिया। सुनकर बीरबल बोला, “अब जैसा मैं कहता हूं, वैसा करो। तुम उस धनवान से मित्रता करके उसे खाने पर अपने घर बुलाओ। हां, अपने कवि मित्र को भी बुलाना मत भूलना। मैं तो खैर वहां मैंजूद रहूंगा ही।” Read Other Story   कुछ दिनों बाद बीरबल की योजनानुसार कवि के मित्र के घर दोपहर को भोज का का

सबसे कीमती चीज🙏🙏

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सबसे कीमती चीज🙏🙏   एक जाने-माने स्पीकर ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सेमीनार शुरू की. हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा ,” ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?” हाथ उठना शुरू हो गए.   फिर उसने कहा ,” मैं इस नोट को आपमें से किसी एक को दूंगा पर  उससे पहले मुझे ये कर लेने दीजिये .” और उसने नोट को अपनी मुट्ठी में चिमोड़ना शुरू कर दिया. और  फिर उसने पूछा,” कौन है जो अब भी यह नोट लेना चाहता है?” अभी भी लोगों के हाथ उठने शुरू हो गए.     Read other story “अच्छा” उसने कहा,” अगर मैं ये कर दूं ? ” और उसने नोट को नीचे गिराकर पैरों से कुचलना शुरू कर दिया. उसने नोट उठाई , वह बिल्कुल चिमुड़ी और गन्दी हो गयी थी.   ” क्या अभी भी कोई है जो इसे लेना चाहता है?”. और एक  बार  फिर हाथ उठने शुरू हो गए.   ” दोस्तों  , आप लोगों ने आज एक बहुत महत्त्वपूर्ण पाठ सीखा है. मैंने इस नोट के साथ इतना कुछ किया पर फिर भी आप इसे लेना चाहते थे क्योंकि ये सब होने के बावजूद नोट की कीमत घटी नहीं,उसका मूल्य अभी भी 500 था.     Read other story   जीवन में कई बार हम गिरते हैं, हारते हैं, हमारे लिए हुए निर्णय ह

सफलता का रहस्य 🙏🙏

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  Hindi Story  सफलता का रहस्य 🙏🙏   एक बार एक नौजवान लड़के ने सुकरात से पूछा कि सफलता का रहस्य क्या  है?   सुकरात ने उस लड़के से कहा कि तुम कल मुझे नदी के किनारे मिलो.वो मिले. फिर सुकरात ने नौजवान से उनके साथ नदी की तरफ बढ़ने को कहा.और जब आगे बढ़ते-बढ़ते पानी गले तक पहुँच गया, तभी अचानक सुकरात ने उस लड़के का सर पकड़ के पानी में डुबो दिया. लड़का बाहर निकलने के लिए संघर्ष करने लगा , लेकिन सुकरात ताकतवर थे और उसे तब तक डुबोये रखे जब तक की वो नीला नहीं पड़ने लगा. फिर सुकरात ने उसका सर पानी से बाहर निकाल दिया और बाहर निकलते ही जो चीज उस लड़के ने सबसे पहले की वो थी हाँफते-हाँफते तेजी से सांस लेना.   Read other story सुकरात ने पूछा ,” जब तुम वहाँ थे तो तुम सबसे ज्यादा क्या चाहते थे?”   लड़के ने उत्तर दिया,”सांस लेना”   सुकरात ने कहा,” यही सफलता का रहस्य है. जब तुम सफलता को उतनी ही बुरी तरह से चाहोगे जितना की तुम सांस लेना  चाहते थे  तो वो तुम्हे मिल जाएगी” इसके आलावा और कोई रहस्य नहीं है..

ईश्वर अच्छा ही करता है🙏🙏

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  Hindi Story ईश्वर अच्छा ही करता है🙏🙏 बीरबल एक ईमानदार तथा धर्म-प्रिय व्यक्ति था। वह प्रतिदिन ईश्वर की आराधना बिना-नागा किया करता था। इससे उसे नैतिक व मानसिक बल प्राप्त होता था। वह अक्सर कहा करता था कि "ईश्वर जो कुछ भी करता है मनुष्य के भले के लिए ही करता है, कभी-कभी हमें ऐसा लगता है कि ईश्वर हम पर कृपादृष्टि नहीं रखता, लेकिन ऐसा होता नहीं। कभी-कभी तो उसके वरदान को भी लोग शाप समझने की भूल कर बैठते हैं। वह हमको थोड़ी पीड़ा इसलिए देता है ताकि बड़ी पीड़ा से बच सकें।"  एक दरबारी को बीरबल की ऐसी बातें पसंद न आती थीं। एकha दिन वही दरबारी दरबार में बीरबल को संबोधित करता हुआ बोला, ‘‘देखो, ईश्वर ने मेरे साथ क्या किया। कल शाम को जब मैं जानवरों के लिए चारा काट रहा था तो अचानक मेरी छोटी उंगली कट गई। क्या अब भी तुम यही कहोगे कि ईश्वर ने मेरे लिए यह अच्छा किया है ?’’   Read Other story कुछ देर चुप रहने के बाद बोला बीरबल, ‘‘मेरा अब भी यही विश्वास है क्योंकि ईश्वर जो कुछ भी करता है मनुष्य के भले के लिए ही करता है।’’   सुनकर वह दरबारी नाराज हो गया कि मेरी तो उंगली कट गई और बीरबल को इसमें

अन्तिम इच्छा 🙏🙏

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  Hindi Story अन्तिम इच्छा 🙏🙏  समय के साथ-साथ राजा कॄष्णदेव राय की माता बहुत वॄद्ध हो गई थीं। एक बार वह बहुत बीमार पड गई। उन्हें लगा कि अब वे शीघ्र ही मर जाएँगी। उन्हें आम से बहुत था, इसलिए जीवन के अन्तिम दिनों में वे आम दान करना चाहती थीं। सो उन्होंने राजा से ब्राह्म्णों को आमों को दान करने की इच्छा प्रकट की। वह् समझती थी कि इस प्रकार दान करने से उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति होगी। सो कुछ दिनों बाद राजा की माता अपनी अन्तिम इच्छा की पूर्ति किए बिना ही मॄत्यु को प्राप्त हो गईं।  उनकी मॄत्यु के बाद राजा ने सभी विव्दान ब्राह्म्णों को बुलाया और अपनी माँ की अन्तिम अपूर्ण इच्छा के बारे में बताया। कुछ देर तक चुप रहने के पश्चात ब्राह्म्ण बोले,” यह तो बहुत ही बुरा हुआ महाराज, अन्तिम इच्छा के पूरा न होने की दशा में तो उन्हें मुक्ति ही नहीं मिल सकती। वे प्रेत योनि में भटकती रहेंगी। महाराज आपको उनकी आत्मा की शान्ति का उपाय करना चाहिये।”   तब महाराज ने उनसे अपनी माता की अन्तिम इच्छा की पुर्ति का उपाय पूछा। ब्राह्म्ण बोले, “उनकी आत्मा की शांति के लिये आपको उनकी पुण्यतिथि पर सोने के आमों का दान करना प

लोग अमीर क्यों नहीं बन पाते हैं ? Why people don't get rich?

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  लोग अमीर क्यों नहीं बन पाते हैं ?   ( Why people dont get rich? )             अमीर बनना कोई बड़ी बात नहीं हैं और अमीर बनना कोई छोटी बात भी नहीं है ये सब आपकी मेहनत पर निर्भर करता है.  यदि आप दिन रात मेहनत कर रहे हैं, खून पसीना बहा रहे हो तो अच्छी बात है| कौन नहीं चाहता अमीर बनना, कौन नहीं चाहता की उनका नाम हो दुनिया में उन्हें लोग जाने और पहचाने.  लेकिन सबसे बड़ी बात तो ये है की आपके पास समय बहुत कम है और पाना बहुत कुछ हैं| आपको इसके लिए सबसे पहले तो एक काम करना होगा.  आपको ये बात जांचनी पड़ेगी की आप काम किस प्रकार का कर रहे हो ? यदि आप पूरी मेहनत कर रहे हो और सफलता आपके हाथ नहीं लग रही हो तो आपको ये देखना है की आप के व्यवसाय में भविष्य कितना है, भविष्य में आपके काम की कितनी मांग है.  यदि आपके काम का भविष्य नहीं है तो यकीन मानिये आपके काम को आप द्वारा छोड़ देना ही सही रहेगा|  मैं ये नहीं कह रहा हूँ की आप अपने काम को आज अभी इसी समय छोड़ दो ये बात तो आपको देखनी है समझनी है| जब तक कोई अन्य काम की शुरुआत नहीं होती तब तक आप वही काम करों जिसे आप पहले कर रहे थे.  मै आपसे इतना ही कहूंगा की जब ज्य

शिकंजी का स्वाद

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  शिकंजी का स्वाद   Motivational Story In Hindi  : एक प्रोफ़ेसर क्लास ले रहे थे. क्लास के सभी छात्र बड़ी ही रूचि से उनके लेक्चर को सुन रहे थे. उनके पूछे गये सवालों के जवाब दे रहे थे. लेकिन उन छात्रों के बीच कक्षा में एक छात्र ऐसा भी था, जो चुपचाप और गुमसुम बैठा हुआ था. प्रोफ़ेसर ने पहले ही दिन उस छात्र को नोटिस कर लिया, लेकिन कुछ नहीं बोले. लेकिन जब ४-५ दिन तक ऐसा ही चला, तो उन्होंने उस छात्र को क्लास के बाद अपने केबिन में बुलवाया और पूछा, “तुम हर समय उदास रहते हो. क्लास में अकेले और चुपचाप बैठे रहते हो. लेक्चर पर भी ध्यान नहीं देते. क्या बात है? कुछ परेशानी है क्या?” “सर, वो…..” छात्र कुछ हिचकिचाते हुए बोला, “….मेरे अतीत में कुछ ऐसा हुआ है, जिसकी वजह से मैं परेशान रहता हूँ. समझ नहीं आता क्या करूं?” प्रोफ़ेसर भले व्यक्ति थे. उन्होंने उस छात्र को शाम को अपने घर पर बुलवाया. ; शाम को जब छात्र प्रोफ़ेसर के घर पहुँचा, तो प्रोफ़ेसर ने उसे अंदर बुलाकर बैठाया. फिर स्वयं किचन में चले गये और शिकंजी बनाने लगे. उन्होंने जानबूझकर शिकंजी में ज्यादा नमक डाल दिया. फिर किचन से बाहर आकर शिकंजी का गिलास छात्र

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